- Cuisine: North Indian
- Difficulty: Medium
-
Prep Time3 days
-
Cook Time20 min
-
View1,568
यह एक खट्टा फल होता है।इसका वानस्पातिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। भारतीय घरों में अमतौर पर इससे सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अ़चार बनाए जाते हैं। आज मैं करोंदा का अचार बनाने की विधि बताती हु लेकिन इससे पहले करोंदा के फायदे जान लेते है :-
१. इसमें विटामिन सी, एंटी-ऑक्सीडेंट, आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। करौंदा खाने से भूख बढ़ती है। पित्त शांत होता है। अधिक प्यास लगने की समस्या दूर होती है। लूज मोशन की समस्या समाप्त होती है।
२. यूरिन इंफेक्शन की समस्या से निपटने के लिए करौंदे का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए । करौंदे या उसके जूस का नियमित सेवन करने से यूटीआई की समस्या नहीं होती। महिलाओं को खासकर इसका सेवन करना चाहिए, क्योंकि उनमें यूटीआई की समस्या अधिक देखने को मिलती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, करौंदा मूत्र नलिका के टिश्यू को बैक्टिरिया से बचाता है।
३. करौंदा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। करौंदे में विटामिन सी, ई और के प्रचुर मात्रा में होने के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट भी होता है जो अन्य फलों तथा सब्जियों की तुलना में काफी अधिक है। इसके साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक आदि भी भरपूर होता है। ये सभी तत्व शरीर को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होते हैं।
४. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कम कैलोरी होने के कारण वजन भी घटता है। ऐसे में इससे बनी सब्जी, अचार आदि का सेवन जरूर करें। स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण कर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
५. दिल की बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो करौंदा खाएं। यह दिल के रोगों और डायबिटीज से बचाने में मददगार है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर ह्रदय संबंधी रोगों से बचाता है।
६. दिल की बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो करौंदा खाएं। यह दिल के रोगों और डायबिटीज से बचाने में मददगार है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर ह्रदय संबंधी रोगों से बचाता है।
करौंदे का सेवन निम्नलिखित परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए :-
प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। गर्भावस्था में किसी भी जड़ी बूटी को लेने से परहेज करना चाहिए।
यह बच्चे और मां दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। यदि आप इसका सेवन कर रही हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही करें।
जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल लो रहता है, वो इसका सेवन न करें। इसे खाने से शुगर का स्तर काफी गिर सकता है।
यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
कभी भी किसी जड़ी बूटी का सेवन अपनी मर्जी से शुरू न करें। बेहतर होगा कि इसका सेवन आप डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
इसकी अधिक खुराक के सेवन से भी बचना चाहिए। करौंदे का सेवन उतनी मात्रा में ही करें , जितना आपके डॉक्टर द्वारा निर्देशित किया गया हो।
तो चलिए बनाते है करौंदे का हेअल्थी और टेस्टी अचार :-
Ingredients
Nutrition
Carandas Plum nutritional values
- Daily Value*
-
Water 80.17 gN/D
-
Total dietary Fiber 1.6 g4.21%
-
Iron, Fe 10.33 mg129.13%
-
Potassium, K 81.26 mg1.73%
-
Zinc, Zn 3.26 mg29.64%
-
Copper, Cu 1.92 mg213.33%
Directions
सबसे पहले करोंदा को ३-४ बार साफ पानी से धो लीजिये . अब करोंदे के दो टुकड़ करके उसका बीज निकाल दीजिये.
दो टुकड़े हुए करोंदे को धुप में डालकर ३-४ घंटे की धुप लगा दीजिये.
जब करोंदा सूख जाये तो २ चम्मच हल्दी पाउडर और ३ चम्मच नमक डालकर मिक्स कीजिये और एक साफ सुथरे डिब्बे , सूखे डिब्बे में रख २-३ दिन के लिए रख दीजिये .
३ दिन के बाद करोंदे को डिब्बे में से निकाल कर एक बड़े बर्तन में डाल दीजिये .
अब मसाला तैयार कर लेते है इसके लिए एक कड़ाही लेकर गरम करते है उसमे खड़ा धनिया ,सौफ , मेथी, जीरा, और लाल मिर्च को डालकर हल्का ब्राउन हो जान तक भून लीजिये .
भूने हुए मसालों को ठंडा करके मिक्सी जार में डालकर एक दरदरा पाउडर बना लीजिये.
एक कड़ाही में सरसो का तेल डालकर गरम कीजिये जब तक की धुआँ न निकलते लगे , इस गरम किये हुए तेल को ठंडा हो जान के लिए रख दीजिये.
करोंदे में पिसा हुआ मसाला , २ चममच नमक ,हींग और ठंडा किया हुआ सरसो का तेल डालकर मिक्स कीजिये . बन गया टेस्टी एंड हेअल्थी करोन्धे का अचार ..
अचार को डिब्बे में भर कर २-३ दिन के लिए धुप में रख दीजिये और समय समय पर डिब्बे के अचार को मिक्स कर दीजिये . अचार को आप साल हर तक रख कर दाल चावल, रोटी पराठा , खिचड़ी , मट्ठा चावल के साथ खा सकते है . आप भी इस तरीके करोंद एक अचार बनाइये और अपने अनुभव कमेंट करकर बताइये .
You May Also Like
करोंदा का अचार बनाने की विधि / Carandas Plum Pickle Recipe
Ingredients
Follow The Directions
सबसे पहले करोंदा को ३-४ बार साफ पानी से धो लीजिये . अब करोंदे के दो टुकड़ करके उसका बीज निकाल दीजिये.
दो टुकड़े हुए करोंदे को धुप में डालकर ३-४ घंटे की धुप लगा दीजिये.
जब करोंदा सूख जाये तो २ चम्मच हल्दी पाउडर और ३ चम्मच नमक डालकर मिक्स कीजिये और एक साफ सुथरे डिब्बे , सूखे डिब्बे में रख २-३ दिन के लिए रख दीजिये .
३ दिन के बाद करोंदे को डिब्बे में से निकाल कर एक बड़े बर्तन में डाल दीजिये .
अब मसाला तैयार कर लेते है इसके लिए एक कड़ाही लेकर गरम करते है उसमे खड़ा धनिया ,सौफ , मेथी, जीरा, और लाल मिर्च को डालकर हल्का ब्राउन हो जान तक भून लीजिये .
भूने हुए मसालों को ठंडा करके मिक्सी जार में डालकर एक दरदरा पाउडर बना लीजिये.
एक कड़ाही में सरसो का तेल डालकर गरम कीजिये जब तक की धुआँ न निकलते लगे , इस गरम किये हुए तेल को ठंडा हो जान के लिए रख दीजिये.
करोंदे में पिसा हुआ मसाला , २ चममच नमक ,हींग और ठंडा किया हुआ सरसो का तेल डालकर मिक्स कीजिये . बन गया टेस्टी एंड हेअल्थी करोन्धे का अचार ..
अचार को डिब्बे में भर कर २-३ दिन के लिए धुप में रख दीजिये और समय समय पर डिब्बे के अचार को मिक्स कर दीजिये . अचार को आप साल हर तक रख कर दाल चावल, रोटी पराठा , खिचड़ी , मट्ठा चावल के साथ खा सकते है . आप भी इस तरीके करोंद एक अचार बनाइये और अपने अनुभव कमेंट करकर बताइये .